सी. पी. राधाकृष्णन कौन हैं?
भारत ने 9 सितंबर 2025 को अपने 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में सी. पी. राधाकृष्णन को चुना। उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुन्दरशरण रेड्डी को 152 मतों से हराकर यह ऐतिहासिक जीत दर्ज की। राधाकृष्णन लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हुए हैं। उनकी पहचान एक सादगीपूर्ण, गैर-टकराववादी और मिलनसार नेता के रूप में रही है।

शुरुआती जीवन और शिक्षा
सी. पी. राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु में हुआ। वे मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने समाजसेवा और जनकल्याण के कार्यों से अपना करियर शुरू किया। उनका झुकाव शुरू से ही सामाजिक मुद्दों और गरीबों की सहायता की ओर रहा।
राजनीति में प्रवेश और शुरुआती सफर
राधाकृष्णन ने राजनीति में सक्रिय भागीदारी 1990 के दशक में शुरू की। उनकी साफ छवि और जमीनी स्तर पर काम करने की क्षमता ने उन्हें पार्टी में जल्दी पहचान दिलाई। वे भाजपा के दक्षिण भारत में एक अहम चेहरा बनकर उभरे।
लोकसभा सांसद और पार्टी में भूमिका
- राधाकृष्णन दो बार कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए (1998 और 1999)।
- सांसद रहते हुए उन्होंने शिक्षा, औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन जैसे मुद्दों पर सक्रियता दिखाई।
- उनकी राजनीति का केंद्र हमेशा जनता की समस्याओं का समाधान रहा।
महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल
2023 में उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्होंने प्रशासन और सरकार के बीच बेहतर समन्वय बनाने में अहम भूमिका निभाई। उनकी संतुलित कार्यशैली की सराहना विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ने की।
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में जीत
2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव में राधाकृष्णन एनडीए के उम्मीदवार थे।
- कुल पड़े 767 वोटों में से 452 वोट उन्हें मिले।
- उनके प्रतिद्वंदी बी. सुन्दरशरण रेड्डी को 300 वोट ही मिल सके।
- राधाकृष्णन ने 152 वोटों के अंतर से जीत दर्ज कर भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बने।
यह जीत न सिर्फ उनकी लोकप्रियता का प्रमाण है, बल्कि यह भी दिखाती है कि संसद में एनडीए का जनाधार मजबूत है।
उपराष्ट्रपति पद पर जिम्मेदारियां
भारत का उपराष्ट्रपति पद देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है। इसके अंतर्गत:
- उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं।
- वे संसद में शांति और अनुशासन बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
- आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में कार्यकारी जिम्मेदारी निभाते हैं।
उनकी कार्यशैली और विशेषताएँ
- शांत और गैर-टकराववादी छवि
- सभी दलों से संवाद स्थापित करने की क्षमता
- सरल और जमीन से जुड़े नेता
- दक्षिण भारत में भाजपा को मजबूत करने में योगदान
भारत की राजनीति में उनका महत्व
सी. पी. राधाकृष्णन की जीत कई मायनों में महत्वपूर्ण है:
- दक्षिण भारत से उपराष्ट्रपति चुने जाने से क्षेत्रीय संतुलन मजबूत होगा।
- वे एक ऐसे नेता हैं जिन पर विपक्ष भी भरोसा करता है।
- राज्यसभा की कार्यवाही को गरिमा और संतुलन के साथ चलाने की उम्मीद उनसे है।
निष्कर्ष: उपराष्ट्रपति के रूप में भविष्य की उम्मीदें
भारत के नए उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन न सिर्फ एक वरिष्ठ राजनेता हैं, बल्कि एक ऐसे नेता भी हैं जो सादगी, सेवा और संवाद की राजनीति में विश्वास रखते हैं। संसद के ऊपरी सदन को प्रभावी और सामंजस्यपूर्ण ढंग से चलाने की बड़ी जिम्मेदारी अब उनके कंधों पर है। देश को उनसे उम्मीद है कि वे अपने अनुभव और संतुलित स्वभाव से भारतीय लोकतंत्र को और मजबूत बनाएंगे।
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❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. भारत के नए उपराष्ट्रपति कौन बने हैं?
भारत के नए (15वें) उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन बने हैं। उन्होंने 9 सितंबर 2025 को हुए चुनाव में जीत दर्ज की।
2. सी. पी. राधाकृष्णन ने किसे हराकर उपराष्ट्रपति पद जीता?
उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार और पूर्व न्यायाधीश बी. सुन्दरशरण रेड्डी को 152 वोटों के बड़े अंतर से हराया।
3. सी. पी. राधाकृष्णन का राजनीतिक करियर कैसा रहा है?
वे दो बार कोयंबटूर से लोकसभा सांसद रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने भाजपा संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 2023 से महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रहे।
4. उपराष्ट्रपति के तौर पर उनकी मुख्य जिम्मेदारी क्या होगी?
भारत के उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं और सदन की कार्यवाही को सुचारु रूप से चलाना उनकी मुख्य जिम्मेदारी है।
5. सी. पी. राधाकृष्णन की खास पहचान क्या है?
उनकी पहचान एक सादगीपूर्ण, शांत और गैर-टकराववादी नेता के रूप में है। वे सभी दलों से संवाद स्थापित करने की क्षमता रखते हैं।